22 व्यक्तियों का ऐसा खेल जिनको खेलते देख रोमांचित व् उत्साही युवा अपनी सीट पर बेठ नही पाते और कानफाड शोर से स्टेडियम को सर पर उठा लेते है | ये वो खेल है जो दुनिया भर के लोगो की जुनुनियत को आपस में दिल से जोड़ता है| इस 20-20 क्रिकेट फॉर्मेट को दुनिया में इंडियन क्रिकेट लीग (आईपीएल) के नाम से जानते है| दुनिया भर में क्रिकेट व् खिलाडियों के प्रति दीवानगी और इसमे शामिल बेसुमार पैसा इसके आकर्षण में चार चाँद लगाता है| आज जो आईपीएल हम देख रहे है उसकी भूमिका 1996 में रख दी गई| 1996 में ड्यूक यूनिवर्सिटी में पढने वाले ललित मोदी ने अमेरिकी पेशेवर खेलो के तरीके को समझने के बाद अपना इंडियन क्रिकेट लीग नाम से एक टूर्नामेंट की शुरुवात की| इस टूर्नामेंट के तहत 50 ओवर के मैच को आठ शहरो में आयोजित करना था और टीमों को फ्रेंचाइजी के रूप में बेचा गया तथा मैचों के प्रसारण का अधिकार प्राप्त ईएसपीएन द्वारा बीसीसीआई को सालाना रॉयल्टी देना तय हुआ | गोर करने पर मालूम होता है की आज के आईपीएल और 1996 के इंडियन क्रिकेट लीग में ओवर और आधुनिकता के अलावा बेहद समानताये है|
टी20 फार्मेट को भारत में शुरू करने का क्रेडिट आमतौर पर BCCI और ललित मोदी को दिया जाता है क्योकि आईपीएल को स्थापित करने में इन्होने बहुत प्लानिंग और मेहनत की, लेकिन सच्चाई ये है की आईपीएल का आधार तो इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) ने ही रख दिया था| एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा द्वारा लाँच आईसीएल ने सबसे पहले भारत में T20 फॉर्मेट को लेकर मैच शुरू कराने का प्लान किया और कुछ मैच कराये भी लेकिन आईसीएल क्रिकेट लीग को बीसीसीआई व् आईसीसी ने मान्यता नही दी क्योकि इसमे बीसीसीआई के बागी और अंतररास्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लेने वाले खिलाडी शामिल थे| शुरुवात से ही बीसीसीआई ने आईसीएल में खिलाडियों को जाने से रोकने के लिए घरेलु टूर्नामेंट की पुरूस्कार राशी में वृधि कर दी और इसमे शामिल होने वाले खिलाडियों पर आजीवन प्रतिबन्ध लगना शुरू किया जिसकी वजह से खिलाडी पीछे हटने लगे, BCCI ने घेरुलू मैदानों पर मैच करने शुरू कर दिए जिससे आईसीएल को खेलने के लिये मैदान भी नही मिले, इसके शुरू होने का समय सही नही चुना गया क्योकि उस वक्त भारत पकिस्तान के टेस्ट मैच चल रहे थे जिसमे दर्शको का रुझान ज्यादा था| इतना कुछ होने के बाद किसी बड़े व्यवसायी ने इसमे पैसे नही लगाए और न ही इसका बड़े लेवल पर ब्रांड प्रमोशन हुआ जिसके कारण ये जल्द ही बंद हो गया | इसके शानदार प्लान और जनता के आकर्षण को देखकर ललित मोदी को अपना 1996 वाला इंडियन क्रिकेट लीग याद आ गया जो सपना मोदी ने उस वक्त देखा था वो अब साकार करने का वक्त आ गया था क्योकि उस वक्त मोदी BCCI के उपाध्यक्ष थे| तब साल 2007 में ललित मोदी व् बीसीसीआई ने टी20 फॉर्मेट प्लान किया जिसको आईसीएल, इंग्लैंड के प्रीमियर लीग और संयुक्त राज्य अमेरिका के NBA के फॉर्मेट पर डिजाइन किया जिसे हम आज इंडियन प्रीमियर लीग के नाम से जानते है। इस प्लान को पंख तब लगे जब बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष शरद पवार ने 10 सितंबर 2007 को इंडियन प्रीमियर लीग में आवश्यक खिलाड़ियों को खरीदने के लिए ललित मोदी को 25 मिलियन डॉलर का चेक दिया| 12 सिंतबर 2007 एक स्वर्णिम दिन बना| इस दिन ही ललित मोदी ने औपचारिक रूप से नई दिल्ली में एक समारोह के दौरान इंडियन प्रीमियर लीग का शुभांरभ किया. इसके लॉन्चिंग में राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, ग्लेन मैक्ग्रा जैसे प्लेयर्स और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए| क्रिकेट जगत का ऐतिहासिक व् स्वर्णिम साल 2007 रहा जिसमे टी20 फॉर्मेट की एंट्री हुई जिसने पूरी दुनिया में तूफान मचा दिया|
मोदी ने इसको खिलाडियों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए दुनिया के टॉप 100 खिलाड़ियों को उनकी कमाई और टैलेंट सेट के अनुसार चार श्रेणियों में बांट दिया| चार श्रेणियों को चार अलग-अलग वेतन स्लैब के तहत रखा गया था- 1 लाख डॉलर, 2 लाख डॉलर, 3 लाख डॉलर और 4 लाख डॉलर| यह आईपीएल के पहले संस्करण के लिए प्लेयर्स की निर्धारित बेस प्राइज थी| इस फॉर्मेट को सफल बनाने के लिए ललित मोदी ने विभिन्न क्रिकेट बोर्डों के प्रशासकों से मुलाकात की और उनको अपने खिलाड़ियों को साल में लगभग दो महीने भारत की यात्रा करने और आईपीएल में खेलने की अनुमति देने के लिए मनाया| इसके बाद मोदी ने टीमों को खरीदने के लिए और इसके आकर्षण को ओर अधिक बढाने के लिए बालीवूड एक्टर्स शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और राज कुंद्रा, नेस वाडिया जेसे अन्य व्यवसायीयो से मुलाकात की और आखिरकार 18 अप्रैल 2008 को रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लोर औऱ कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच पहला मुकाबला खेला गया तथा उस पहले आईपीएल लीग की विजेता राजस्थान रॉयल्स बनीं और अब 2025 के आईपीएल फायनल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने किंग्स XI पंजाब को छह रन से हराकर अपना पहला इंडियन प्रीमियर लीग खिताब जीता |
आईपीएल एक ऐसा नाम जिसने क्रिकेट के खेल को नया आयाम दिया है| आज इस पेशेवर क्रिकेट लीग की ख्याति पुरे विश्व में गुंजायमान है| इसको पूर्णतया भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) द्वारा संचालित किया जाता है इसमे केवल 20-20 ओवर की मैच होती है। इसमे हर राज्य के किसी शहर के नाम से एक क्रिकेट टीम बनाई जाती है जिसमे भारतीय और विदेशी खिलाडी शामिल होतें है। हर वर्ष मार्च-अप्रैल-मई महीने में आईपीएल खेलो का आयोजन किया जाता है और हर चार साल में एक बार वर्ल्ड कप होता है | आज आईपीएल पुरे विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट लीग है और सम्पूर्ण खेल लीग में छठे स्थान पर है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की 2010 में YOUTUBE ने इसका सीधा प्रसारण किया गया था | आईपीएल रुपयों का महासागर है क्योकि 2015 में आईपीएल लीग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के जीडीपी में 11.5 अरब रूपये ($ 182 मिलियन) का योगदान दिया। 2022 में आईपीएल की ब्रांड वैल्यू $10.9 बिलियन (लगभग ₹81,000 करोड़) थी, 2023 की ब्रांड वैल्यू $11.2 बिलियन और 2024 की ब्रांड वैल्यू $16.4 बिलियन थी| 2008 से 2012 तक आईपीएल का पहला टाइटल प्रायोजक डीएलएफ (DLF) रहा उसके बाद ऑनलाइन प्रकिर्या बोली के माध्यम से समय समय पर टाइटल के प्रायोजक बदलते रहे है लेकिन अब 2022 से 2027 तक आईपीएल का टाइटल प्रायोजक भारतीय टाटा समूह है । जिसने 5 साल के टाइटल राइट्स 2500 करोड़ में ख़रीदे और मिडिया राइट्स 2023 से 2027 तक के 48390 करोड़ में ख़रीदे जिसमे डिज्नी स्टार को भारतीय उपमहादीप के टीवी अधिकार 23575 करोड़ रूपये में और रिलायंस समर्थित वायकाम 18 को डिजिटल अधिकार 20500 करोड़ रूपये में मिले |
आईपीएल टीमो का इतिहास
क्र. सं. |
टीम का नाम |
शहर/राज्य जिस पर टीम का नाम है |
व्यापार समूह का नाम |
टीम मालिक / मालिको का नाम |
खरीदी टीम राशी (USD में) |
IPL टीम प्रवेश |
IPL से टीम भंग |
1 |
मुंबई इंडियंस (MI) |
मुंबई, महाराष्ट्र |
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड |
मुकेश, नीता अंबानी |
$111.9 मिलियन |
2008 |
वर्तमान तक |
2 |
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) |
बेंगलुरु, कर्नाटक |
यूनाइटेड स्पिरिट्स , विप्रो लिमिटेड |
महेंद्र कुमार शर्मा |
$111.6 मिलियन |
2008 |
वर्तमान तक |
3 |
डेकेन चार्जर्स (Hyderabad) |
हैदराबाद |
डेक्कन क्रॉनिकल, GMR ग्रुप |
गायत्री रेड्डी, टी.वेण्कट रेड्डी |
$107.01 मिलियन |
2008 |
2012 |
4 |
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) |
चेन्नई, तमिलनाडु |
इंडिया सीमेंट्स |
एन. श्रीनिवासन |
$91 मिलियन |
2008 |
वर्तमान तक |
5 |
दिल्ली डेयरडेविल्स वर्तमान में दिल्ली कैपिटल (DC) |
दिल्ली |
जीएमआर ग्रुप, जेएसडब्ल्यू ग्रुप |
जी. एम. राव |
$84 मिलियन |
2008 |
वर्तमान तक |
6 |
किंग्स XI पंजाब (KXIP) |
मोहाली |
वाडिया और डाबर
|
प्रीति जिंटा, नेस वाडिया, मोहित बर्मन
|
$76 मिलियन |
2008 |
वर्तमान तक |
7 |
कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) |
कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
रेड-चिलीज एंटरटेनमेंट और मेहता ग्रुप |
शारुखक खान, जुही और जय मेहता |
$75.09 मिलियन |
2008 |
वर्तमान तक |
8 |
राजस्थान रॉयल्स (RR) |
राजस्थान |
बादले और कुंद्रा ग्रुप |
मनोजबादले , राज कुंद्रा |
$67 मिलियन |
2008 |
वर्तमान तक |
9 |
कोच्ची टस्कर्स केरल |
कोच्ची केरल |
रेंडेजवस कंसोर्टियम |
रेंडेजवस कंसोर्टियम |
$333.2 मिलियन |
2010 |
2011 |
10 |
पुणे वारियर्स इंडिया |
पुणे , महाराष्ट्र |
सुब्रत राय |
सहारा ग्रुप |
$370 मिलियन |
2010 |
2014 |
11 |
सनराइजर्स हैदराबाद |
हैदराबाद |
सन टीवी नेटवर्क |
कलानिधि मारन |
$500 मिलियन |
2013 |
वर्तमान तक |
12 |
राइजिंग पुणे सुपर जायंट |
पुणे, महाराष्ट्र |
गोयनका ग्रुप |
संजीव गोयनका |
जानकारी उपलब्ध नही |
2016 |
2018 |
13 |
गुजरात लायंस |
राजकोट गुजरात |
एंटेक्स कम्पनी |
केसव बंसल |
560 करोड़ |
2016 |
2018 |
14 |
लखनऊ सुपर जायन्ट्स |
लखनऊ |
गोयनका ग्रुप |
संजीव गोयनका |
$80.66 मिलियन |
2022 |
वर्तमान तक |
15 |
गुजरात टाइटन्स |
गुजरात |
67% टोरेंट ग्रुप और 33% सीवीसी कैपिटल |
टोरेंट और सीवीसी |
$745 मिलियन |
2022 |
वर्तमान तक |
डेक्कन चार्जर्स , कोच्चि टस्कर्स केरल, पुणे वॉरियर्स इंडिया , गुजरात लायंस, राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स टीमो को आईपीएल से अस्थायी रूप से बाहर कर दिया गया क्योकि इन टीमो के मालिको द्वारा BCCI के साथ अनुबंधो की शर्तो का उल्लघन किया और बैंक गारंटी जमा नही कराई |
सबसे उलझा हुआ सवाल आईपीएल में जो टीम विनर होती है उसे सिर्फ 20 करोड़ ही मिलते है फिर आईपीएल टीम के मालिक करोडो- अरबो रूपये क्यों खर्च करते है ? करोडो रूपये में टीम फ्रेंचाईजी क्यों ख़रीदते है ? टीम मालिक इतने रूपये केसे कवर करेंगे ? चलो इन सवालो को सुलझाते है –
हाल ही में लखनऊ सुपर जाइंट्स नाम की टीम को संजीव गोयनका ने लगभग 7000 करोड़ में ख़रीदा | पहली नजर से देखने में ये सौदा घाटे का नजर आता है क्योकि बाकि टीमे इसके मुकाबले काफी सस्ती है | इस पहेली को हल करते है और समझते है BCCI का बिजनेस मोडल –
लखनऊ टीम के मालिक संजीव गोयनका ने टीम खरीदी 7000 करोड़ में लेकिन ये सारा पैसा बीसीसीआई को एक बार में नही दिया जायेगा बल्कि 10 सालो की इन्स्टालमेन्ट में दिया जायेगा | इस हिसाब से एक साल में संजीव गोयनका बीसीसीआई को पहली इन्स्टालमेन्ट देंगे - 700 करोड़
वेसे तो टीम मालिक के पास टीम के खिलाडियों को खरीदने के लिए 120 करोड़ का पर्स होता है लेकिन आसन केल्कुलेसन के लिए मान लेते है संजीव गोयनका ने अपनी टीम के खिलाडियों पर खर्च किये - 100 करोड़
होटल, कोच, और अन्य खर्चो का कुल जोड़ - 200 करोड़
तो पुरे साल का ओवरआल खर्च – 700+100+200 = 1000 करोड़
अब इतना पैसा लगाने के बाद प्रॉफिट केसे होगा चलो समझाते है
इनकी कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा आता है ब्राडकास्टिंग राइट्स से | बीसीसीआई ने 2023 से 2027 तक 5 साल के ब्रॉडकास्टिंग राइट लगभग 48390 करोड़ में सेल किया है|
आसान कैलकुलेशन के लिए मान लेते है – 50,000 करोड़
एक साल की ब्रॉडकास्टिंग राइट की कमाई हुई 10000 करोड़ जिसका 50% यानी कि 5000 करोड़ रुपए बीसीसीआई ले लेगा और बचे हुए 5000 करोड़ उन 10 टीमों में बंट जाएगा| हर टीम के हिस्से में आएगा – 500 करोड़
इस हिसाब से लखनऊ के मालिक संजीव गोयनका को मिलेंगे = 500 करोड़
टीम की जर्सी पर छपे ब्रांड और केम्पेनिंग ब्रांड्स को मिलाक कमाई = 200 करोड़
स्टेडियम के टिकट सेल में टीम के मालिको को लगभग 80% मिलता है तो तिक्त सेल और मर्चेंडाइज सेल से कमाई = 100 करोड़
तो टीम की ओवरऑल कमाई = 800 करोड़
मतलब हर साल इनका 200 करोड़ का नुकसान हो रहा है तो 10 साल में संजीव गोयनका को लखनऊ की टीम 2000 करोड़ पड़ेगी ना कि 7000 करोड़|
अब इस नुकशान की भरपाई केसे होगी ? चलो समझते है –
संजीव गोयनका को 10 साल में बीसीसीआई को फुल पेमेंट करना है अब इन 10 सालो में लखनऊ टीम की वैल्यूएशन भी लगभग 30000 करोड़ तक पहुंच जाएगी क्योंकि BCCI ने इस तरह का बिजनेस मोडल बनाया है जिसमे आईपीएल की टीम एक स्टार्टअप कंपनी की तरह होती है और समय के साथ इनका वैल्यूएशन बढ़ता है और तब अगर संजीव गोयनका अपनी टीम का सिर्फ़ 10% शेयर भी सेल करते हैं तो पूरे 3,000 करोड़ रूपये आयेंगे | संजीव गोयनका अब अपना बकाया 2,000 करोड़ रूपये BCCI को चुकता करेंगे और उपर से 1000 करोड़ के प्रॉफिट भी कमा लेंगे और 30,000 हजार करोड़ की टीम के 90% मालिक भी होंगे जिसकी वेल्युवेसन 27,000 करोड़ होगी | इस लिहाज से अगर लखनऊ टीम 10 वर्षो में एक भी मैच नहीं जीतती हैं तो भी उन्हें करोड़ों का मुनाफा होगा और उनका पैसा प्रॉफिट के साथ रिकवर होगा | इस तरह संजीव गोयनका की पांचो उंगलिया घी में और सर कढाई में होगा| अन्य आईपीएल टीम जो 2008 में खरीदी गई आज उनकी वेल्युवेसन काफी बढ़ गई है जो उनका प्रोफिट दिखाता है | उदाहरण के तौर पर राजस्थान टीम की 2008 में वैल्यूएशन 284 करोड़ के आसपास थी जो अभी बढ़कर 6,000 करोड़ के लगभग है |
2023 में 14 देश और 2025 में 16 देशो के खिलाडियों ने भाग लिया, इससे यह स्पष्ट होता है कि IPL का आकर्षण और लोकप्रियता वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ रही है। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में कुल 574 खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 366 केवल भारतीय खिलाड़ी थे। इनमें 48 कैप्ड (अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने वाले) और 318 अनकैप्ड (अंतरराष्ट्रीय मैचों में न खेलने वाले) खिलाड़ी शामिल थे । आईपीएल ने घरेलु खिलाडियों को शानदार प्लेटफार्म दिया है जिसके कारण आज वो खिलाडी इंडियन टीम में जगह बना पाए है जेसे- ऋतुराज गायकवाड़ दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल, प्रसिद्ध कृष्णा, वाशिंगटन सुंदर, कुमार कार्तिकेय सिंह, अकाश मधवाल, अंकित राजपूत आदि | आईपीएल ने युवाओं को बेहद प्रेरित व् उत्साहित बनाया है जिसके कारण आज के युवा क्रिकेट को करियर के रूप में अपनाते हैं और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाते हैं। यह खेल उन्हें अनुशासन, टीमवर्क और संघर्ष की भावना सिखाता है। क्रिकेट के सितारे जैसे सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, और रोहित शर्मा युवा पीढ़ी के आदर्श बन चुके हैं। क्रिकेट का जुनून भारतीय समाज का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह खेल न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह देशवासियों की एकता, गर्व और प्रेरणा का स्रोत भी है। क्रिकेट ने भारतीय समाज को एकजुट किया है और यह जुनून आने वाली पीढ़ियों तक जारी रहेगा। इस खेल को सिर्फ खेल के तरीके से खेले क्योकि इसमे सट्टे का भी विशेष प्रभाव होता है उस से बचना भी बेहद जरुरी है | वेसे तो किसी भी प्रकार का कोई नशा नही करना चाहिये क्योकि ये आपके शरीर, आपके घर और आपके चेनो-अमन को बर्बाद कर देता है चुकी आईपीएल के हर मैच में करोडो -अरबो का सट्टा लगता है इससे बचकर रहना चाहिए क्योकि अगर ये सट्टे की आदत लगी तो जिन्दगी बर्बाद हो जाएगी जो किसी भी नशे से ज्यादा भयानक है |
लेखक
डॉ. हरीश कुंद्रा